जब हमसफ़र के साये में साया सिमट गया
मन्ज़िल क़रीब आ गयी रस्ता सिमट गया
तर्के तआल्लुकात का उसको भी है मलाल
मेरी ही तरह उसका भी चेहरा सिमट गया
होंठों पे प्यास लेके मैं तपती ज़मीन सी
दरया के पास आयी तो दरया सिमट गया
तारों के दरमियान से पूनम की रात में
चन्दा ने मुझ को देखा तो चन्दा सिमट गया
ये कौन आ के ठहरा है दरवाज़े के क़रीब
दरवाज़े का हमारे जो परदा सिमट गया
कल रात के फ़साद के बारे में क्या कहूं
दहशत से मां की गोद में बच्चा सिमट गया
Sunday, February 17, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment