तुम्हारा ध्यान ख़ुशबू दे रहा है
यही लौबान ख़ुशबू दे रहा है
करो पेहचान यारी दुश्मनी की
हरेक इंसान ख़ुशबू दे रहा है
गुलाबों से खिले हैं घाव दिल से
तिरा अहसान ख़ुशबू दे रहा है
महक पहुँची है उन तक मेरे दिल की
मिरा अरमान ख़ुशबू दे रहा है
मुहब्बत की वफ़ा की दोस्ती की
ये हिंदुस्तान ख़ुशबू दे रहा है
करप्शन है बहुत लेकिन दिलों मैं
अभी ईमान ख़ुशबू दे रहा है ग़ज़ल
यही लौबान ख़ुशबू दे रहा है
करो पेहचान यारी दुश्मनी की
हरेक इंसान ख़ुशबू दे रहा है
गुलाबों से खिले हैं घाव दिल से
तिरा अहसान ख़ुशबू दे रहा है
महक पहुँची है उन तक मेरे दिल की
मिरा अरमान ख़ुशबू दे रहा है
मुहब्बत की वफ़ा की दोस्ती की
ये हिंदुस्तान ख़ुशबू दे रहा है
करप्शन है बहुत लेकिन दिलों मैं
अभी ईमान ख़ुशबू दे रहा है ग़ज़ल
No comments:
Post a Comment