गुलाबों से बढ़कर हसीं हम रहे थे
तुम्हारी नज़र में हमी हम रहे थे
कभी याद बनकर कहीं दर्द बनकर
तुम्हारे जिगर में कहीं हम रहे थे
तुझे कुछ ख़बर है तेरी अंजुमन में
गुमां से भी नाज़ुक यकीं हम रहे थे
मुसाफ़िर जहाँ पर ठहरते नहीं हैं
वही एक तपती ज़मी हम रहे थे
जो ख़ाली पड़ा है सराये की सूरत
उसी दिल के अंदर कहीं हम रहे थे
तुम्हारी नज़र में हमी हम रहे थे
कभी याद बनकर कहीं दर्द बनकर
तुम्हारे जिगर में कहीं हम रहे थे
तुझे कुछ ख़बर है तेरी अंजुमन में
गुमां से भी नाज़ुक यकीं हम रहे थे
मुसाफ़िर जहाँ पर ठहरते नहीं हैं
वही एक तपती ज़मी हम रहे थे
जो ख़ाली पड़ा है सराये की सूरत
उसी दिल के अंदर कहीं हम रहे थे
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