इंतज़ार मैं तेरे रात भी अधूरी है
चाँद ना मुकम्मल है चाँदनी अधूरी है
हँसते गाते शब्दों पर ओस पड़ गयी जैसे
तुम नहीं तो लगता है शायरी अधूरी है
उसने ये कहा मुझसे मैंने ये कहा उससे
तेरे बिन अरे जानम ज़िन्दगी अधूरी है
आओ साथ दो मेरा मद्ध्यम से पंचम तक
इन महकती सांसों की रागिनी अधूरी है
हाथ जब मिलाना हो दिल भी साथ रख लेना
दिल अगर नहीं मिलते दोस्ती अधूरी है
फूल बनके महकेगी क्या हमारी आज़ादी
ये काली तो बरसों से अधखिली अधूरी है
ख़ूने दिल जला सोनी प्यार के चराग़ों में
रौशनी तो है लेकिन रौशनी अधूरी है
चाँद ना मुकम्मल है चाँदनी अधूरी है
हँसते गाते शब्दों पर ओस पड़ गयी जैसे
तुम नहीं तो लगता है शायरी अधूरी है
उसने ये कहा मुझसे मैंने ये कहा उससे
तेरे बिन अरे जानम ज़िन्दगी अधूरी है
आओ साथ दो मेरा मद्ध्यम से पंचम तक
इन महकती सांसों की रागिनी अधूरी है
हाथ जब मिलाना हो दिल भी साथ रख लेना
दिल अगर नहीं मिलते दोस्ती अधूरी है
फूल बनके महकेगी क्या हमारी आज़ादी
ये काली तो बरसों से अधखिली अधूरी है
ख़ूने दिल जला सोनी प्यार के चराग़ों में
रौशनी तो है लेकिन रौशनी अधूरी है
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