हर तरफ भीड़ है और भीड़ का छटना मुश्किल
भीड़ में रह के तेरे नाम को रटना मुश्किल
दर्द की रात के दामन पे है अश्कों का हुजूम
दर्द की रात के दामन का सिमटना मुश्किल
प्यार के लफ्ज़ में इक़रारे वफ़ा होता है
हर किसी के लिए इस लफ्ज़ का रटना मुश्किल
एक हो जाएँ अगर भूख के मारे इन्सां
फिर तो इन फ़सलों का धनवानों में बटना मुश्किल
बदगुमानी की किसी शख़्स के दिल पर सोनी
धुंध छा जाये तो फिर धुंध का छटना मुश्किल
भीड़ में रह के तेरे नाम को रटना मुश्किल
दर्द की रात के दामन पे है अश्कों का हुजूम
दर्द की रात के दामन का सिमटना मुश्किल
प्यार के लफ्ज़ में इक़रारे वफ़ा होता है
हर किसी के लिए इस लफ्ज़ का रटना मुश्किल
एक हो जाएँ अगर भूख के मारे इन्सां
फिर तो इन फ़सलों का धनवानों में बटना मुश्किल
बदगुमानी की किसी शख़्स के दिल पर सोनी
धुंध छा जाये तो फिर धुंध का छटना मुश्किल
No comments:
Post a Comment