आपको हमसे मिलने की फु़रसत नहीं
ये अदावत है साहिब मुहब्बत नहीं
यूं बहाने बनाने से क्या फ़ायदा
साफ़ कह दीजिए हम से उल्फ़त नहीं
मेरे अश्कों से रोशन मेरी रात है
चांद तारों की मुझको ज़रूरत नहीं
दिल जलाते हैं हम रोशनी के लिए
इन चरागों की हमको ज़रूरत नहीं
प्यार के खेल में हार ही हार है
ये फ़साना है सोनी हकीक़त नहीं
Thursday, September 27, 2007
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22 comments:
wah kya baat hai aapne to aate hi rang bikher diye
bahut sunder
sawagat hai aapka yaha
wah wah...kya khoob aagaz hai
भावना आपकी पढ़ के अच्छा लगा।
और अधिक बोलने की हिमाकत नहीं।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
डॉ. साहिबा,
आपका स्वागत है। आशा है आपकी रचनाएं भविष्य में मिलती रहेंगी। आपकी ग़ज़ल अच्ची लगी।
सोनी जी,
बहुत उम्दा गजल कही है आपने । भाव और िवचार के समन्वय से रचना बडी प्रभावशाली हो गई है । कथ्य और िशल्प की दृिष्ट से भी गजल बेहतर है । मैने अपने ब्लाग पर एक लेख िलखा है - आत्मिवश्वास से जीतें िजंदगी की जंग-समय हो तो पढें और कमेंट भी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
मेरे अश्कों से रोशन मेरी रात है
चांद तारों की मुझको ज़रूरत नहीं
एक अति सुंदर रचना से रुबरु कराया है आपने....
यूं बहाने बनाने से क्या फ़ायदा
साफ़ कह दीजिए हम से उल्फ़त नहीं
Khub likha hai aapne. Swagat blog parivar aur mere blog par bhi.
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नही हैं कविता
कोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं है कविता ॥
कभी भी कविता विषय की मोहताज़ नहीं
नयन नीर है कविता, राग -साज़ भी नहीं ।
कभी कविता किसी अल्हड योवन का नाज़ है
कभी दुःख से भरी ह्रदय की आवाज है
कभी धड़कन तो कभी लहू की रवानी है
कभी रोटी की , कभी भूख की कहानी है ।
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं है कविता,
कोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं है कविता ॥
मुफलिस ज़िस्म का उघडा बदन है कभी
बेकफान लाश पर चदता हुआ कफ़न है कभी ।
बेबस इन्स्सन का भीगा हुआ नयन है कभी,
सर्दीली रत में ठिठुरता हुआ तन है कभी ।
कविता बहती हुई आंखों में चिपका पीप है,
कविता दूर नहीं कहीं, इंसान के समीप हैं ।
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं है कविता,
कोई पेशा, कोई व्यवसाय नहीं है कविता ॥
KAVI DEEPAK SHARMA
http://www.kavideepaksharma.co.in
http://www.Shayardeepaksharma.blogspot.com
इधर से गुज़रा था सोचा सलाम करता चलूंऽऽऽऽऽऽऽ
(और बधाई भी देता चलूं...)
नववर्ष् की शुभकामनाएं
दिल जलाते हैं हम रोशनी के लिए
इन चरागों की हमको ज़रूरत नहीं
Wonderful
कलम से जोड्कर भाव अपने
ये कौनसा समंदर बनाया है
बूंद-बूंद की अभिव्यक्ति ने
सुंदर रचना संसार बनाया है
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
मेरे अश्कों से रोशन मेरी रात है
चांद तारों की मुझको ज़रूरत नहीं
बहुत ही अच्छा लिखा है.......
अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर और ये खुशी भी हुई की आप भी इंदौर से हैं....
मेरे ब्लॉग पर भी आइयेगा
http://akshaya-mann-vijay.blogspot.com/
अक्षय-मन
आपने अश्को को रोशनी कहा और मैंने दवा........
इतना प्यार ना दे कि हर दर्द अश्को के जैसे पी जाउं
सुना है गुजरे वक्त से दर्द कि दवा भी अश्को में छिपी मिलती है
"अक्षय" को इतना प्यार ना दे कि समय से पहले बिछड़ जाए
सुना है खुदा से कि प्यार पाने वालों को धड़कने कम मिलती हैं :)
अक्षय-मन
DR.Sahiba ilaz karna kaam hai aapka,lekin aapne to apna mareez (mureed)bana liya.
bakayee bahut hi behtareengajal hai aapki.
----------------------"VISHAL"
wahho achha likha hai...firstly first nav varsh ki nayi nayi shubhkamnayen.....
Jai Ho Magalmay HO.....mere blog par swagat hai...
You are Best...
बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
आपका ब्लॉग देखा, बहुत अच्छा लगा. मेरी कामना है कि आपके शब्द नयी ऊर्जा, नए अर्थ और गहन संप्रेषण के वाहक बन कर जन-सरोकारों का सार्थक व समर्थ चित्रण करें ........
कभी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर पधारने का कष्ट करें-
http:www.hindi-nikash.blogspot.com
शुभकामनाओं के साथ
आनंदकृष्ण, जबलपुर
रसात्मक और सुंदर अभिव्यक्ति
श्रद्धाजी सादर प्रणाम.
आपके प्रोत्साहन के लिये आपकी आभारी हूं
स्नेह बनाये रखियेगा.
बहुत बहुत धन्यवाद.
अनीता सोनी
Best Performance in 'Waah Waah kya Baat Hai' on Sab Tv
An enthusiastic, authentic, ardent, disciple ,devotee, fan, follower, admirer, well-wisher and would be friend for life. who till date was giving hidden compliments till date to one of his favourite poetess & greatest kavyitari. God Bless with Bliss, Peace & glow of satisfaction bestowed up on you along with Good Luck.
Depak Kumar
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