मुझ परीशान की आंखों की तरफ क्या देखें/
लोग सूखी हुई नदियों की तरफ़ क्या देखें।
ज़िद में रोते हुए बच्चे की तरफ़ क्या देखें/
जेब खाली है खिलोनों की तरफ़ क्या देखें।
दश्तो सेहरा की तरह ज़ेहन में वीरानी है/
दौड़ती भागती सड़कों की तरफ़ क्या देखें।
सुब्ह के नाम पे आए हैं अंधेरे ओढ़े/
ऐसे बेनूर उजालों की तरफ़ क्या देखें।
ग़ैर का हो गया वो ग़ैर का होना था उसे
हम हथेली की लकीरों की तरफ़ क्या देखें।
रहबरों की तरह मिलते हैं जहां पर रहजन/
उन घने पेड़ों के रस्तों की तरफ़ क्या देखें।
लोग सूखी हुई नदियों की तरफ़ क्या देखें।
ज़िद में रोते हुए बच्चे की तरफ़ क्या देखें/
जेब खाली है खिलोनों की तरफ़ क्या देखें।
दश्तो सेहरा की तरह ज़ेहन में वीरानी है/
दौड़ती भागती सड़कों की तरफ़ क्या देखें।
सुब्ह के नाम पे आए हैं अंधेरे ओढ़े/
ऐसे बेनूर उजालों की तरफ़ क्या देखें।
ग़ैर का हो गया वो ग़ैर का होना था उसे
हम हथेली की लकीरों की तरफ़ क्या देखें।
रहबरों की तरह मिलते हैं जहां पर रहजन/
उन घने पेड़ों के रस्तों की तरफ़ क्या देखें।
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