बहे जो आँख से आँसू मुहब्बत में गंगाजल है
तड़पता है ये दिल मेरा याद में उसकी पागल है
बहुत है धूप, मंज़िल दूर, तन्हा राह उल्फ़त की
मेरी क़िस्मत में क्या कोई प्यार का प्यासा बादल है
तड़पता है ये दिल मेरा याद में उसकी पागल है
बहुत है धूप, मंज़िल दूर, तन्हा राह उल्फ़त की
मेरी क़िस्मत में क्या कोई प्यार का प्यासा बादल है
2 comments:
Sweet sorrow of the agony of love.
thank you
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