Saturday, May 2, 2015

याद में उसकी पागल है

बहे जो आँख से आँसू मुहब्बत में गंगाजल है
तड़पता है ये दिल मेरा याद में उसकी पागल है
बहुत है धूप, मंज़िल दूर, तन्हा राह उल्फ़त  की
मेरी क़िस्मत में क्या कोई प्यार का प्यासा बादल है





2 comments:

Anonymous said...

Sweet sorrow of the agony of love.

Anita Soni - Kaviyatri, Shayara said...

thank you